Yogadham Mandir

योगधाम - आश्रम की संचालक समिति के कार्यकारी सदस्य

स्वामी दिव्यानंद सरस्वती - योगधाम [अध्यक्ष]

स्वामी इन्द्रवेश - निग्माश्रमागंज, बिजनौर [उपाध्यक्ष]

स्वामी योगानंद भिषक - योगधाम [मंत्री]

स्वामी ब्रह्मानंद - योगधाम [न्यासी]

डॉ. वेदव्रत 'आलोक' - सेक्टर-9 रोहिणी, दिल्ली [न्यासी]

श्री पृथ्वीसिंह देकेदार - सहारनपुर [न्यासी]

श्री ओमप्रकाश गुप्त - वानप्रस्थाश्रम [न्यासी]

श्री ज्ञानचंद आर्य - प्रधान योगसाधक समाज [न्यासी]

माता ईश्वरदेवी धवन - प्रधान, योग साधिका - समाज [न्यासी]

पातंजल योगधाम के उद्देश्य

  • महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित वैदिक योगविद्या एवं उसकी व्यावहारिक साधना - प्रक्रिया को किसी जाति, वर्ग, भाषा, देश, आदि का भेद - भाव किये बिना मानव - मात्र के लिए सुगमतापूर्वक ग्राह्य बनाना |
  • ऐसे अनुसन्धान कार्य को संपन करना, प्रोत्साहन देना और उसे लेखों, पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओ के माध्यम से स्वयं प्रकाशित करना या करवाना , जिसके द्वारा वेदों, उपनिषदों, ब्राह्मण-ग्रंथों, दर्शनों,स्मृतियों तथा अन्य प्राचीन ग्रंथों में विद्धमान योग-सिद्धांतों और विधियों का विभिन्न भाषाओँ में प्रचार - प्रसार हो तथा जिसके प्रत्येक भाषा को सच्चे और प्रमाणिक योग मार्ग का सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक ज्ञान हो सके |
  • योग द्वारा सम्पूर्ण मानव जाति को समग्र स्वास्थ्य - लाभ की ओर प्रेरित करने हेतु सब के लिए शारिरीक, मानसिक, ओर आध्यात्मिक तीनों दृष्टियों से ऐसी आयुर्वेदिक चिकित्सा की नि:शुल्क व्यवस्था करना-करवाना जिसे धनी या निर्धन सभी अपना सकें तथा औषधि - चिकित्सा से शनै: - शनै: मुक्त होने की दिशा में अग्रसर हो सकें |
  • सब की शारीरिक पौष्टिकता के लिए स्वच्छ स्थान पर स्वस्थ दुधारू पशुओं को रखने हेतु आदर्श गोशालाओं की स्थापना करना - करवाना |
  • सब की मानसिक दुर्बलताओं और रोगों से मुक्ति के लिए वैदिक एवं पातंजल ध्यानयोग - केन्द्रों की स्थापना करना - करवाना एवं सामयिक योग - शिविरों का आयोजन विभिन्न स्थानों पर करना - करवाना |
  • सब की आध्यात्मिक उन्नति के लिए सद- योगविद्या की शिक्षा देने वाली पुस्तकों का लेखन, प्रकाशन और लागत मूल्य पर विक्रय आदि की व्यवस्था |
  • मानव- मात्र को सच्चे ज्ञान से अवगत कराने हेतु ऐसे पुस्तकालयों की स्थापना करना-करवाना जिसमें योगविद्ध्या एवं अन्य सम्बन्ध विषयों पर उत्तम और प्रमाणिक साहित्य रखा जाये और सब की पहुच में हो |
  • इन उद्देश्यों को अपने जीवन में अपनाने वाले योग्य शिक्षकों को तैयार करना, जो नि:स्वार्थ भाव से योग द्वारा प्राणी - मात्र के सेवा में आजीवन संलग्न रहें |
  • इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु धन - संपत्ति के प्रदार्थों का दान - उपहार आदि स्वीकार करना, भवन आदि का निर्माण करना एवं समान उद्देश्यों वाली अन्य संस्थानों का सहयोग करना तथा सहयोग लेना |
  • गरीबो का सहायता, शिक्षा, मनोरंजन, चिकित्षा - सुविधा आदि प्रदान करना | पर्यटकों को नि:शुल्क आवास का सहयोग देना | व्ययभार वाहन करने में साधकों के लिए भोजन करना | भारतीय साहित्य और संस्कृति की समृद्धि करना | राष्ट्रीयहित में देश और जनता की सेवा करना | इसी तरह के सर्वजनोपयोगी तथा लोक - मंडल लक्ष्यों को सम्मान करना |
  • यह न्यासी - मंडल के पूर्ण अधिकारों में तथा न्यायोचित होगा कि वे लोक - हितकारी न्यासों का या धार्मिक संस्थाओं को दान दें | यह न्यास जाति, समुदाय या मतों के किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना मानव - मात्र के लिए होगा |

योगधाम की भावी योजनाएँ

  • योग एवं यज्ञ के प्रेमी भारतवर्षीय एवं विदेशीय साधक - सधिकायों के विवरण से विश्वास होगा कि प्रबुद्ध विद्द्वानों एवं योगी यतियों के परामर्श से जिन कार्यों को हम सीमित साधनों से पूरा कर रहे हैं, वह हमारी योग एवं यज्ञ के प्रति त्रद्धा तथा समर्पित - भावना का ही घोतक है | इसके अतिरिक्त भी आपके सहयोग और सदभाव से उत्साह - वृद्धि होकर कार्य करने के झमता प्राप्त हो सकती है | आपके तन, मन, धन, से सहयोग की सदैव अपेक्षा है | भविष्य में निम्न कार्यों को पूरा करने की न्यास की योजनाएँ है |
  • गोशाला के चारा - हेतु भूमि का प्रबंध |
  • भोजनालय का परिवर्धन |
  • योग - मंदिर के ऊपर बृहत् पुस्तकालय का निर्माण |
  • अतिरिक्त ९ स्वच्छ स्नानागारों का निर्माण |
  • कार्यालय - कक्ष का निर्माण |
  • निर्माणाधीन यज्ञशाला का पूर्ण करना |
  • साधिका - सदन को निवासार्थ पूर्ण करना |