प्रचार कार्य
आश्रम में ध्यानयोग - साधना - शिविर प्रति वर्ष वैसाखी पूर्व से अप्रैल में दिनांक 3 - 4 से दिनांक 10 - 11 तक तथा आश्विन मास में शरत पूर्णिमा से आरम्भ होकर आठ - आठ दिन के लगाये जाते हैं | इन शिविरों में साधक - साधिकाएँ भारतवर्ष के प्रतेक प्रान्त से तथा विदेशों से भी भाग लेते हैं | स्वामी दिव्यानंद सरस्वती द्वारा वर्ष 1993 में योगढ़ाम में चार बार, चंडीगढ़ सेक्टर में 16 , आर्यसमाज कीर्तिनगर देल्ली, वैदिक सधानाश्रम, तपोवन देहरादून में 3 बार, रिहाड़ी कालोनी जम्मू, मुजफ्फरपुर नगर, मेरठ शहर, चंडीगढ़ सेक्टर में 17 पटियाला, देहरादून, राधेपुरी दिल्ली, तिगाना, जिला मेरठ, काठमंडी सोनीपत, सिरसागंज रोहतक , आर्यसमाज श्रीनिवासपुरी दिल्ली में, इक्कीस स्थानों पर ध्यानयोग - शिविर लगाये एवं बृहद यज्ञों व प्रवचनों द्वारा वैदिक धर्म का प्रचार किया | इनकी सूचना हर तीन महीने के बाद नै. ब्र. माधुरी योगमती जी द्वारा स्वामी धर्मानंद योगतीर्थ के सहयोग से सब साधक - साधिकाओं को प्रेषित की जाती है |